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जापान में तेजी से फैल रहा यह जानलेवा ‘मांस खाने वाला’ बैक्टीरिया, भारत भी खतरे में
जापान में नेक्रोटाइजिंग फैसिटिस का कहर: क्या भारत भी है जोखिम में?
जापान में हाल ही में नेक्रोटाइजिंग फैसिटिस नामक एक जानलेवा बैक्टीरिया के संक्रमण में तेजी देखी गई है। यह बैक्टीरिया, जिसे “मांस खाने वाला” बैक्टीरिया भी कहा जाता है, बेहद खतरनाक है। संक्रमित व्यक्ति की 48 घंटों के भीतर मौत हो सकती है।
क्या है नेक्रोटाइजिंग फैसिटिस?
नेक्रोटाइजिंग फैसिटिस एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है जो त्वचा, मांसपेशियों और ऊतकों को तेजी से नष्ट कर देता है। यह संक्रमण आमतौर पर छोटी चोट या कट से शुरू होता है, जो बाद में जानलेवा साबित हो सकता है। इसके लक्षणों में तेज दर्द, सूजन, लालिमा और बुखार शामिल हैं।
जापान में स्थिति कितनी गंभीर?
जापान में इस बैक्टीरिया के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में मामलों की संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है। यह स्थिति इतनी गंभीर है कि हांगकांग ने भी यात्रा परामर्श जारी किया है।
संक्रमण कैसे फैलता है?
यह बैक्टीरिया आमतौर पर खुले घावों, कट्स या जलने के कारण शरीर में प्रवेश करता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग, जैसे कि डायबिटीज़, किडनी रोग या कैंसर के मरीज, अधिक जोखिम में होते हैं।
उपचार और रोकथाम
नेक्रोटाइजिंग फैसिटिस का उपचार जल्दी शुरू करना बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें सर्जरी, एंटीबायोटिक्स और कभी-कभी प्रभावित अंग का कटना शामिल हो सकता है। रोकथाम के लिए घावों की सही देखभाल, सफाई और संक्रमण से बचाव महत्वपूर्ण है।
क्या भारत भी है खतरे में?
हालांकि अभी तक भारत में इस बैक्टीरिया के मामले नहीं देखे गए हैं, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि वैश्विक यात्रा और व्यापार के कारण यह संक्रमण अन्य देशों में भी फैल सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध लक्षण पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रतिक्रिया
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जापान और अन्य प्रभावित क्षेत्रों से यात्रा कर रहे नागरिकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों को संक्रमण की मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।
यह देखते हुए कि नेक्रोटाइजिंग फैसिटिस कितना खतरनाक हो सकता है, जनता को सावधानी बरतने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की सख्त जरूरत है।